मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥ लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । राम काज करिबे को आतुर ॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ https://janetp530hms5.losblogos.com/34624078/top-hanuman-chalisa-secrets