रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। इस दौरान कोई रूकावट नहीं आनी चाहिए। इसके द्वारा पीने के साफ पानी का को अभिमंत्रित किया जाता है। बाद में उसमें से एक तिहाई पीड़ित को पिला दिया जाता है और बाकी पानी से पूरे घर में छींटे मारें जाते हैं, https://baglamukhisadhna52074.canariblogs.com/the-single-best-strategy-to-use-for-vashikaran-48708126